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शोलों सा जला

शोलों सा जला मैं, बरसा बादलों सा कभी।
हालाते-दीवानगी पर, कहकशे लगाते सभी।
मजनूँ ना सही, इश्क मेरा भी कुछ कम नहीं,
तुम कहो तो तुम्हारे वास्ते, मैं जाँ दे दूँ अभी।

देवेश साखरे ‘देव’

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