संत :दया के मूल Pt, vinay shastri 'vinaychand' 4 years ago निर्दोष समर्थ गुरू को भी पीटा था नादान किसान। छत्रपति से माफ कराकर गन्ने का दिया खेत बथान।। संत सदा से इस दुनिया में होते दया धर्म के मूल। ‘विनयचंद ‘कभी होना ना इनके प्रतिकूल।।