मध्य प्रदेश की राजनीति का खेल बड़ा निराला था,
पांच साल की सत्ता को दो वर्षो में ही मारा था।
महाराज के सारे सपने एक वर्ष में टूट गए,
महाराज कांग्रेस से बिल्कुल देखो रूठ गए।
रूठकर महाराज ने सालो पुराना रिश्ता तोड़ दिया,
महाराज ने कॉग्रेस से सारा नाता तोड़ दिया।
चलती सत्ता की गाड़ी को पटरी से उतार दिया,
मामा के संग मिलकर फिर से कमल खिला दिया।
देखने वाले देखते ही रह गए,
महाराज राज्यसभा का टिकट ले गए।
सालो पुराने सारे शिकवे दो पल में ही मिट गए,
सत्ता बनाने मामा – महाराज एक साथ मिल गए।
एक तरफ तो बारात में बारातियों का मेला है,
दूसरी तरफ खड़ा दूल्हा बिल्कुल अकेला है।
आने वाले उपचुनाव है या फिर शीत युद्ध की तैयारी है,
जनता का तो पता नहीं पर सत्ता सबको प्यारी है।
✍️✍️मयंक व्यास✍️✍️