चमक उठा जब चांद गगन में
कोटि सितारे टीम -टीम रह गए।
सूरज के आने से पहले हीं
सब के सब ये मद्धिम रह गए।।
लाख हौसला हो जुगनू में
अन्धकार कब मिटा सका है।
छल का बादल प्रेम जगत में
सत्य सूर्य कब मिटा सका है।।
प्रेमी बनकर ‘विनयचंद ‘तू
प्रेम का नित संचार करो।
मानव जीवन को पाकर
जीवन को साकार करो।।