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सदा के हो चले

खुदी को मिटा कर,

रम जाऊँ जहाँ में,

खूशबू बन कर,

समा जाऊँ फिज़ा में,

कि सदा बन कर,

बस जाऊँ आहो में,

खुशी और गम़ का,

सहारा न रहा,

साहिल का साथ,

अब गवारा न रहा,

कि विशाल क्षितिज का,

किनारा न रहा,

आशा-निराशा  अब,

हमारे   न.  रहे ,

हम हैं सभी के,

सब हमारे हो रहे,

जन्म -जन्मान्तर के,

फलसफे फसाने हो चले,

हम सदा से रहे,

सदा के हो चले,

हम खुदी को मिटा कर,

खूशबू बन फिज़ा के हो चले ।।

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