सद्व्यवहार Rakesh Saxena 3 years ago रिश्ते बेजान से मित्र अंजान से अपने पराये से हो जाते हैं, जब सितारे गर्दिश में हों।। दुश्मन दोस्त पराए अपने और अपने सर पे बिठाते हैं जब सितारे बुलंदी पर हों।। मुंह देखी प्रीत दुनियां की रीत है धन, क्षणिक खुशी सद्व्यवहार असल जीत है।।