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सबकी रातों में ख्वाबों की पहरेदारी रहती है

सबकी रातों में ख्वाबों की पहरेदारी रहती है,

पर मेरी आँखों में खाली जिम्मेदारी रहती है,

कहता हर शख्स है खुल कर दिल की अपने,

पर मेरे चेहरे पे ठहरी सी दुनियाँदारी रहती है,

सुना है यहाँ सबको- सबकी पूरी चाल मिलती है,

पर खेल देखो हर बार एक मेरी ही बारी रहती है।।

राही (अंजाना)

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