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समझदार लोग धूल फांकते हैं

**समझदार लोग धूल फांकते हैं::आनन्द सागर**

 

जो अपने आगे दूसरों को कम में आंकते हैं,

ऐसे ही समझदार लोग धूल फांकते हैं l

 

 

जिनसे अपने घर का हाल सम्भाला नहीं जाता,

ऐसे ही जाहिल दूसरों के घर में झांकते हैं l

 

 

फितरत नहीं हमारी औरों में ऐब ढूंढना,

तहज़ीब है हमारी हम खुद में ताकतें हैं l

 

 

सकूत समन्दर की गहराईयां कहता है,

ये लोग कतरा भी नहीं और डींग हांकते हैं ll

 

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-Er Anand Sagar Pandey

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