जब किसी ने न देखा पलटकर मुझको,
तब आइना भी मुझे देखकर मेरे साथ रोया,
जब सूख गया मेरे दिल का हर एक कोना,
तब समन्दर भी मेरे बिस्तर पर साथ सोया।
राही (अंजाना)
जब किसी ने न देखा पलटकर मुझको,
तब आइना भी मुझे देखकर मेरे साथ रोया,
जब सूख गया मेरे दिल का हर एक कोना,
तब समन्दर भी मेरे बिस्तर पर साथ सोया।
राही (अंजाना)