समा लेती है… प्रतिमा चौधरी 4 years ago समा लेती है , हर भाषा को, अपने भीतर , जिसकी कोई सीमा नहीं , वो पूर्ण है खुद से, मेरी हिंदी जैसी कोई नहीं…