सरहदें Vinita Shrivastava 6 years ago ऐ जमीं,ऐ सरहदें ऐ बैर भाव कैसा हम जो मिलेंगे मिटटी में तो तुम भी मिलोगे खाख में -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-