सरहद के आर पार देखती हैं नज़रें उसकी,
ज़िगर के आर पार देखती हैं नज़रें उसकी,
खामोश दिखती हैं मगर बहुत बोलती हैं नज़रें उसकी,
दिल में मोहब्बत का रंग घोलती हैं नज़रें उसकी।।
राही (अंजाना)
सरहद के आर पार देखती हैं नज़रें उसकी,
ज़िगर के आर पार देखती हैं नज़रें उसकी,
खामोश दिखती हैं मगर बहुत बोलती हैं नज़रें उसकी,
दिल में मोहब्बत का रंग घोलती हैं नज़रें उसकी।।
राही (अंजाना)