साथी चल राजेश बन्छोर "राज" 7 years ago ******************** साथी चल कुछ कर दिखलाएँ अमन- चैन के गीत सुनाएँ शोषण, घुसखोरी, गद्दारी अन्याय, अनाचार, भ्रष्टाचारी गली-गली नफरत का जहर द्वार-द्वार मच रहा कहर मिलकर आओ दूर भगाएँ साथी चल कुछ कर दिखलाएँ **************************