सारे प्रयास प्रत्यक्ष है के विफल हो रहे हैं,
सभी अक्षर मुख से निकल अस्त वयस्त हो रहे हैं,
पहुँच ही नहीं रही है आवाज़ उस बालक तक,
जिसके मस्तिष्क में ठहरे प्रश्न चिह्न चल रहे हैं।।
– राही (अंजाना)
सारे प्रयास प्रत्यक्ष है के विफल हो रहे हैं,

सारे प्रयास प्रत्यक्ष है के विफल हो रहे हैं,
सभी अक्षर मुख से निकल अस्त वयस्त हो रहे हैं,
पहुँच ही नहीं रही है आवाज़ उस बालक तक,
जिसके मस्तिष्क में ठहरे प्रश्न चिह्न चल रहे हैं।।
– राही (अंजाना)