सावन पर इतना सन्नाटा,
ना देखा पहले कभी
क्या हुआ, ये क्यूं हुआ,
कहां चले गए सभी
सावन सूना सा है,
कवियों कलम उठालो
फ़िर से भर दो रंग
अपनी कलम से,
फ़िर से सभा सजालो
*****✍️गीता
सावन पर इतना सन्नाटा,
ना देखा पहले कभी
क्या हुआ, ये क्यूं हुआ,
कहां चले गए सभी
सावन सूना सा है,
कवियों कलम उठालो
फ़िर से भर दो रंग
अपनी कलम से,
फ़िर से सभा सजालो
*****✍️गीता