मैं देश का सिपाही हूँ।
दुश्मन की तबाही हूँ, ।।
काँधे पे बन्दूक है और तिरंगा हाथ है।
कदम मिला चलता, जज्बा एक साथ है।।
देश के खातिर जान जो जाए
करता नहीं कोताही हूँ।
मैं देश का सिपाही हूँ।
दुश्मन की तबाही हूँ, ।।
काँधे पे बन्दूक है और तिरंगा हाथ है।
कदम मिला चलता, जज्बा एक साथ है।।
देश के खातिर जान जो जाए
करता नहीं कोताही हूँ।