सिर्फ़ अपनी झूठी शान दिखाते हैं लोग
दिल छोटा रखते हैं
इमारत बडी बनाते हैं लोग
नफ़रत दिल मे है
प्यार जताते है लोग
अपने सच से हैं बेख़बर
ओरो को आईना दिखाते हैं लोग
बेचकर ज़मीर अपना
नाम कमाते हैं लोग
ज़ख्म पे मरहम लगाते हैं
बाद में तमाशा बनाते हैं लोग
सब अपने मतलब से चलते हैं
रास्ता कहाँ बताते है लोग
जीते जी “जीने नही देते”
मर जाने पे आंसू बहाते हैं लोग ।
(राजनंदिनी राजपूत)-राजस्थान, ब्यावर