सुखी रहे सब प्राणी Pt, vinay shastri 'vinaychand' 4 years ago एकांतवास में रहकर भी नहीं हुई तपस्या पूर्ण। खान -पान में समय बिताया सोया पूरम पूर्ण।। घटा नहीं कोरोना जालिम घट गया सीधा-पानी। ‘विनयचंद ‘कुछ ऐसा कर जो सुखी बसे सब प्राणी।।