Site icon Saavan

सुनते रहते हो

छुप कर मेरी बातें
सुनते रहते हो।
मेरे सपनो की
रातें चुनते
रहते हो ।
मिलने की
फुर्सत जब तुमको
होती है।
तो मेरी ही
राहें चुनते चुनते
रहते हो।

Exit mobile version