सुनाती नहीं मै अपना गम किसी को तो अपनी खुशियों का इजहार करूँ कैसे ? मुश्किलें है बहुत रास्ते में मेरे मैं अपनी मंजिल पर आगे बढूँ तो बढूँ कैसे?
सुनाती नहीं मै अपना गम किसी को तो अपनी खुशियों का इजहार करूँ कैसे ? मुश्किलें है बहुत रास्ते में मेरे मैं अपनी मंजिल पर आगे बढूँ तो बढूँ कैसे?