सुबह तुम
बहुत मनोहर हो,
शीतल, शांत, साफ हो
बहुत मनोरम हो।
उड़गन का चहचहाना हो
नए फूलों का खिलना हो,
नई किरणों से मिलना हो
नई आशा जगाना हो,
बीती को भुलाना हो,
नया आगाज करना हो,
सुबह उपयुक्त हो सचमुच
बहुत सुंदर, मनोहर हो।
सुबह तुम
बहुत मनोहर हो,
शीतल, शांत, साफ हो
बहुत मनोरम हो।
उड़गन का चहचहाना हो
नए फूलों का खिलना हो,
नई किरणों से मिलना हो
नई आशा जगाना हो,
बीती को भुलाना हो,
नया आगाज करना हो,
सुबह उपयुक्त हो सचमुच
बहुत सुंदर, मनोहर हो।