Site icon Saavan

” सुराही – ए – मोहब्त “

दिल बेचैन हुआ , तो उसके दीदार का दिया दिलासा हैं …..

जाने वाले कल चले गए ,

लेकिन आज भी उनके लौट आने की ….

छोटी सी आशा हैं …..

अब कोई तो बने सुराही – ए – मोहब्त ….

क्योंकि ये सुख़नवर बहुत , प्यासा हैं ….

 

पंकजोम ” प्रेम “

Exit mobile version