संसार में ईश्वर के बाद एक कवि ही है जो हथेली पर सूरज उगा सकता है और
पथ्थर पिघला सकता है
ये काम साधारण मानव की सामर्थ्य से बाहर है…
संसार में ईश्वर के बाद एक कवि ही है जो हथेली पर सूरज उगा सकता है और
पथ्थर पिघला सकता है
ये काम साधारण मानव की सामर्थ्य से बाहर है…