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सूरज

आजतक सूरज कितने अच्छे बुरे अनदेखे पलों का साक्षी है
पर उसकी चाल, उसके कर्म पर कभी कोई फर्क नहीं आया
हर सुबह उसी ऊर्जा और, उसी शक्ति के साथ निकलता है
बिना किसी भेदभाव, बिना अपेक्षा के प्रतिदिन निकलता है

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