बूँद बनी तेजाब कण बना अंगार
ध्वनी शूल बनी वायू बनी आग
इलेक्ट्रोंनिक्स के महीन कटीले झाड़
वाहनों,फेक्ट्रीयों के धुँये का जंजाल
भूमी में रिसते दूषित पदार्थ
तरकारी,फल,फसल,दूध में डले जहरीले पदार्थ
ओजोन परत में हुए सुराग
वनस्पति,पशु,पक्षी व अन्य छोटे जीव से विहीन हुई धरती
कैसा रूप दे रहे हैं हम धरती को !
क्या प्राकृतिक सम्पदा मिल पायेगी अगली पीढ़ी को ?
ये विचारणीय है!
ये चिंतनीय है !
यह विनाश की ओर अग्रणीय है !
अब भी जाग जाओ ,ये चार दीवारी ही नहीं
ये सृष्टी भी तुम्हारी है
तुम धरती के हो,धरती तुम्हारी है
इसका मतलब ये नहीं कि …….
अधिपत्य तुम्हारा ही है इस पर
रहने का हक है और जीवों का भी इस धरती पर
सृष्टी बनी है सभी के सहयोग से
अत: सभी की रक्षा करो पूरे योग से
प्रदूषण जो बड़ रहा है
सन्तुलन बिगड़ रहा है
ये एक दूसरे पर दोषारोपण बंद करो
ये तुम्हारी जिम्मेदारी है
इसमें सबकी भागीदारी है
इसलिये धरती के अच्छे लाल बनो
सृष्टी का सम्मान करो,धरती का मान रखो
प्रदूषण को कम करने में
हर सम्भव योगदान करो।।
** ” पारुल शर्मा ” **