हिमखंड टूटा
पानी का ऐसा प्रवाह आया
वे पत्तों की तरह बह गए
देखते ही देखते
सैकड़ों लोग लापता हो गए।
जाने कहाँ खो गए।
चीत्कार- करुण-क्रन्दन
से रो उठी घाटी,
प्रवाह बह गया
केवल मजदूरों के
निशान रह गए बाकी।
हिमखंड टूटा
पानी का ऐसा प्रवाह आया
वे पत्तों की तरह बह गए
देखते ही देखते
सैकड़ों लोग लापता हो गए।
जाने कहाँ खो गए।
चीत्कार- करुण-क्रन्दन
से रो उठी घाटी,
प्रवाह बह गया
केवल मजदूरों के
निशान रह गए बाकी।