कुछ यूँ कटेगी बेरहम सी जिन्दगी हमनें सोचा ना था,
वक्त के हाथों ही होगी ख्वाबों की खुदकुशी हमनें सोचा ना था,
तन्हा रातों में ही हो जायेगा कत्ले आम साँसों का,
आँखें खुलेंगी और मिलेगी इस मोड़ पर जिन्दगी सोचा ना था,
कुछ यूँ कटेगी बेरहम सी जिन्दगी हमनें सोचा ना था,
वक्त के हाथों ही होगी ख्वाबों की खुदकुशी हमनें सोचा ना था,
तन्हा रातों में ही हो जायेगा कत्ले आम साँसों का,
आँखें खुलेंगी और मिलेगी इस मोड़ पर जिन्दगी सोचा ना था,