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हकीकत

जो आँखों से बयाँ होते हैं,
वो लफ़्ज़ों में कहाँ होते हैं,

गुफ्तगू ख़्वाबों में करने वाले,
सुना हकीकत में जवाँ होते हैं,

मोहब्बत का काजल लगाने वाले,
सच कहूँ रौशनी की ज़ुबा होते हैं॥

राही (अंजाना)

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