मेरी हर बात को
तुम समझ लेना,
मेरी इकरार की भाषा
तुम जान लेना,
मन में उमड़ती लहरों को
तुम समेट लेना,
मेरे अधरों की प्यास
तुम बुझा देना,
मेरे गीतों को बस
तुम गुनगुनाते रहना,.
मेरे नैनों की भाषा
तुम पढ़ते जाना,
बस एक गुजारिश है तुमसे
जब भी मैं रूहूँ तुमसे
बस तुम मना लेना
हमतुम को एक कर देना,
मेरी हर बात को
तुम समझ लेना।।