वक़्त की सलाखों के पीछे,
यहाँ है कैद हर एक जिंदगी .
फिर कौन सुने किसकी कराह,
यहाँ है कसक हर एक जिंदगी .
फिर कैसे मान लूँ कि
है तुम्हारी आँख में आँसू मेरे,
यहाँ है नकाब हर एक जिंदगी .
वक़्त की सलाखों के पीछे,
यहाँ है कैद हर एक जिंदगी .
फिर कौन सुने किसकी कराह,
यहाँ है कसक हर एक जिंदगी .
फिर कैसे मान लूँ कि
है तुम्हारी आँख में आँसू मेरे,
यहाँ है नकाब हर एक जिंदगी .