हर एक जिंदगी Anil Goyal 8 years ago वक़्त की सलाखों के पीछे, यहाँ है कैद हर एक जिंदगी . फिर कौन सुने किसकी कराह, यहाँ है कसक हर एक जिंदगी . फिर कैसे मान लूँ कि है तुम्हारी आँख में आँसू मेरे, यहाँ है नकाब हर एक जिंदगी .