Site icon Saavan

हर एक जिंदगी

वक़्त की सलाखों के पीछे,

यहाँ है कैद हर एक जिंदगी .

फिर कौन सुने किसकी कराह,

यहाँ है कसक हर एक जिंदगी .

फिर कैसे मान लूँ कि

है तुम्हारी आँख में आँसू मेरे,

यहाँ है नकाब हर एक जिंदगी .

 

 

Exit mobile version