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हर चेहरा नकली है

हर चेहरा नकली है, हर रूह खुदगर्ज यहां
उस रूह को ढूंढ़ रही हूँ जो हो अपनी यहां
न कोई मुखोटा हो, न दीवारें हों
रूह से रूबरू हो हर रिश्ता यहां

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