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हसीन मुलाकात

वो ज़िन्दगी का सबसे हसीन मोड़ था
जब तुझसे रूबरू हुए_

धड़कने काबू में नहीं थी
नज़रें तुमसे मिलने को बेक़रार थी
इख़्लास बेइंतहा इस दिल को तुमसे कुछ इस मानिंद हुए_

एक – एक लफ़्ज़ तेरा ज़िन्दगी बन गया
कुछ इस जुनून-ए-हद तक हम तेरे दिवाने हुए_

-PRAGYA-

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