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हिन्दी कविता – नाम हिंदुस्तान हमारा |

हिन्दी कविता – नाम हिंदुस्तान हमारा |
नाम हिंदुस्तान हमारा होगा काम तमाम तुम्हारा |
रहो अपनी औकात बुरा होगा अनजाम तुम्हारा |
हर तरफ घिर चुके निगाहों सबकी गिर चुके तुम |
टकराए जो हमसे तुम टूटेगा यूं गुमान तुम्हारा |
हमारी चिंता छोड़ो अपनी बदहाली गरीबी देखो |
करके हमे लहूलुहान पहुंचा कहा मुकाम तुम्हारा |
भेजा तुमने कितने कातिल हमारे कत्ल के वास्ते |
पहुंचाया दहसतगर्दो जहन्नुम छिना मुस्कान तुम्हारा |
चाहा था करेगा बदनाम हमे मगर खुद ही हो बैठा |
घर के मामले उठाया बाहर हुआ नुकसान तुम्हारा |
भेजा था जिसे बनाने पत्थरबाज़ हमारे भाइयो को |
दबोचा अपनी मुट्ठी उसे खुदेगा कब्रिस्तान तुम्हारा |
रोज शेखिया बघारना छोड़ दे धमकाना छोड़ दे |
सम्हालेगा ना एक वार मिटेगा आतंकिस्तान तुम्हारा |
मिला ना चैन तुम्हें हुआ टुकड़ा बांग्ला देश बना |
बंद करो साजिसे छुट ना जाए ब्लूचिस्तान तुम्हारा |
श्याम कुँवर भारती [राजभर] कवि ,लेखक ,गीतकार ,समाजसेवी ,
मोब /वाहत्सप्प्स -9955509286

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