हिसाब की पंचायत Nirmal Singhai 8 years ago हिसाब की पंचायत वहाँ लगती हैं जहाँ दोनो तरफ सौदागर होते हैं लूटतें हैं दिल की दौलत जब चितचोर अक्सर ये लूटरोंसे लोग बेखबर होते हैं बेहिसाब नुक़सान होता है दिलदार का जब दिल्लगी मे बेईमान ख़ुद दिलबर होतें हैं । – Nirmal