हौशला….
अपने हौशले की उड़ान से उड़ना चाहता हूँ
समुन्दर के लहरो का तूफान देखना चाहता हूँ
ये हवा तेरे गर्दिश का मैं दिदार करना चाहता हूँ
पत्थर दिल लेकर पत्थर से टकराना चाहता हूँ
ओंस की बुदो से मैं खेलना चाहता हूँ
दुनिया के दर्द की किताब को पढना चाहता हूँ
पंक्षीयो के सुर से सुर मिलाना चाहता हूँ
विरान तुफानो से मैं एक सवाल पुछना चाहता हूँ
ये रंग बिरंगे फिजाओ से अपनत्व पुछता हूँ
जल अग्नि वायू से मैं व्यवहार पुछता हूँ
नदी झरनो से मैं उनका पता पुछना चाहता हूँ
जमीं आसमान से मैं एक फरियाद करना चाहता हूँ
रंग बंसती का मैं हवाओ में देखना चाहता हूँ
दिलो के दुरियो को मैं गले लगा मिटाना चाहता हूँ
मिट्टी की खुशबू को मैं सॉसो में भरना चाहता हूँ
अपने कर्म भूमि भारत माँ को नमन करना चाहता हूँ
महेश गुप्ता जौनपुरी
मोबाइल – 9918845864