“ज़माने के पास” Ajnabi 7 years ago ज़माने के पास खुशियों का सागर होगा मगर हम तो इसकी एक बूँद को भी तरसे है निकले है हर उस वक़्त हमारे आँखों से आंसू साहिब जब भी ये बादल झूम-झूम कर बरसे है। देव कुमार