ज़िंदगी अभी तक थमी हुई है Amit Prajapati kanpuriya 8 years ago उसका हुस्न – ए – तसव्वुर जैसे ज़िंदगी थमी हुई है ज़ियारत -ए -रुख़-ए -अनवर आज सुबह ही हुई है उसकी सोहबत से फ़ुरक़त हैं ‘मियाँ ‘ फिर भी दयार -ए -दिल की क़िस्मत तो देखो ज़िंदगी अभी तक थमी हुई है