सर्दी की दस्तक़
तुम आओगी न
ये कोहरे वाली रातें आने को है
सर्दी की दस्तक हल्की हल्की सुनाई दे रही है
थोड़ा जल्दी आना,
हम तो यही है
पिछली मुलाक़ात से
तुम जाने को कहती हो
तुम जल्दी आना
जो जल्दी जा सको,
वैसे भी कल आऊँगी
बोलकर गयी थी,
आज बरसों बीत गए
तुम्हारे कल को,
सो आओगी तो एक काम करना
घर पर कल आउंगी बोलकर आना,
शायद जाने में तुम्हें बरसों लगें,
सहर अब कुछ ठंडी होने लगी है
सर्दी की दस्तक हल्की हल्की सुनाई दे रही है,
मैं इंतेज़ार करूँगा वहीं
जो तुम्हारे घर के पास बना मकां हैं।
#कुमार किशन