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ख्यालों में मेरे अब आती हो तुम ही,

हक मुझपे पूरा जताती हो तुम ही!

कैसे करूँ मैं अब तुमसे ये नफरत,

मेरे पे ही जाँ अब लुटाती हो तुम ही!!

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