26 जनवरी पर ( गरम दल की शायरी ) सोमू आचार्य 4 years ago शोर बहुत है बाहर.. कि अंदर चुप ; अब रहा नहीं जाता ! क्या कहूँ उन बहरों से इस दिल की बात.. बिना धमाके के जिनको कुछ समझ नहीं आता !! :- प्रेमराज आचार्य