Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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मुक्तक
गमों को दिल में छुपाना आसान नहीं है! शमा यादों की बुझाना आसान नहीं है! जब भी छूट जाते हैं हमसफर राहों में, अकेले लौट…
ओ मेरे हमसफर
मेरे हमसफर जो साथ हो मेरे जिंदगी भर के लिए, कभी दुःख में, कभी सुख में हमेशा साथ रहे मेरे, एक दुसरे का साथ हो…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
ख़ुदा बंदे से
यह ज़िंदगी दी है तुझे, कुछ कर आने के लिए मेरी इस दुनीया को, कुछ और सजाने के लिए यह ज़िंदगी दी है तुझे, जीने…
कुछ कही छूट गया मेरा
तुम अपना घर ठीक से ढूंढना ,कुछ वहीं छूट गया मेरा ढूंढ़ना उसे , अपने किचन में जहाँ हमने साथ चाय बनाई थी तुम चीनी…
Waah
Waah
Waah sir
बहुत खूब लिखा है