ऐ गम मुझसे
दूर जा तू,
इतनी दूर कि
दिखे भी न
साया तेरा,
क्यों आ आकर
सताती है मुझे,
नहीं चाहिए
मुझे तेरा साथ,
ऐ खुशी आ
पास मेरे तू,
मेरी सच्ची
सहेली है तू,
संवारा है तूने
ही तो मुझे,
लाया है राह पर
तूने ही तो मुझे,
थी भटक रही मैं
गम के अंधेरों में,
निकाला है
उस भंवर से
तूने ही तो मुझे,
जहां अपनो ने दिया
गम ही गम मुझे,
तब हर वक्त सवारा है
तूने ही तो मुझे,
ऐ खुशी आ
पास मेरे तू ,
ऐ खुशी आ
पास मेरे तू |