आओ मनाएं हम ऐसी दीवाली,
जिसमे न हो प्रदूषण का नामोनिशा,
तब होगी हमारी सच्ची दिवाली,
खुशी ऐसी किस काम की,
जिससे हम सारे हो परेशा,
आओ मनाए हम ऐसी दीवाली,
जिसमें न हो प्रदूषण का नामोनिशा,
क्यों न जलाएं हम इको फ्रेंडली पटाखे,
इससे न होगा कोई खफा,
आओ मनाएं हम सब ऐसी खुशी
जिससे न हो कोई तबाह,
कहने को नया दौर है हमारा,
है तैयारी चांद मंगल पर जाने की,
फिर भी लगे हैं पराली जलाने पर हम,
सोचते क्यों नहीं हम,
होगा इससे कितना नुकसान,
घुटेगा दम जब घर में भी हमारा,
आओ मनाएं हम ऐसी दीवाली
जिसमें न हो प्रदूषण का नामोनिशा |