My first poem

आज सुबह मुझे एक बात याद आई, कि मेरी परीक्षा की तिथि पास आई। इसी बात पे मैने श्याम जी से गुहार लगाई, तभी मुझे…

मुस्कुरा कर …..

‘मुस्कुरा कर जो देखो तो सारा जहाँ हसीं दिख जाता है..’ वरना.. ‘भीगी आँखों से तो आईने में अपना चेहरा भी धुंधला नज़र आता है..’

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