सुबह हो रही है

सुनहरी सुनहरी सुबह हो रही है कहीं शंख ध्वनियाँ कहीं पर अज़ानें चलीं शीश श्रद्धा चरण में झुकानें प्रभा तारकों की स्वतः खो रही है…

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