वज़ह…
दवा मैं दे दूँ तेरे इस गम का, मेरे गर गम पता बता तो, सितम मानता हूँ बहोत हुए हैं, लेकिन मेरे सितम की खता…
दवा मैं दे दूँ तेरे इस गम का, मेरे गर गम पता बता तो, सितम मानता हूँ बहोत हुए हैं, लेकिन मेरे सितम की खता…
देश का सम्मान लेकिन किसी इंसान का नहीं, चाहे बिलखते रहे सब बस अपना मुकाम हो सही, देश-भक्ति की बातें किस्से, कहानियों, नगमो में ही…
दिल टूटने का लिखने से क्या सम्बन्ध है, ठोष हृदए को विचार आने में क्या कोई प्रतिबंध है, जीवंत हुँ तो रखता हुँ अपना मंतव्य…
शमा ने परवाने की क्यों राख मांग दी, जलते हुए परवाने ने भी फिर आग लांघ दी, ये देखते हुए सिख लो अब तुम भी…
देश का सम्मान लेकिन किसी इंसान का नहीं, चाहे बिलखते रहे सब बस अपना मुकाम हो सही, देश-भक्ति की बातें किस्से, कहानियों, नगमो में ही…
देश में उथल पुथल का माहौल बना है, जियो लेने को भी यहाँ भीड़ घना है, व्यस्त यहाँ इंसान हर रोज़ इस तरह सा, हज़ार…
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