भारत के लोग
15अगस्त 1947 की रात को भारत देश नहीं, भारत के लोग आजाद हुए थे। देश और देशवासियों को कुछ भी कहने और कुछ भी करने…
15अगस्त 1947 की रात को भारत देश नहीं, भारत के लोग आजाद हुए थे। देश और देशवासियों को कुछ भी कहने और कुछ भी करने…
यूँ ना बाँटो नफ़रतों की पर्चीयां, गीत मोहब्बतों के भी लिखे जायेंगे। सितम चाहे कितने, भी कर लो, फूलों की ज़िद है, खिल ही जायेंगे।…
बदलते राजनीति से मेरी कलम भी मज़बूर हुईं।। ना चाहते हुए भी मेरे विचारों में शामिल हुई।। राजनीति बदल रही है.. हर आँख में मटक…
कुंभ कुंभ ये है. कुंभ कुंभ कुंभ. कुंभ कुंभ कुंभ. कुंभ कुंभ कुंभ . कुंम्म्मभ। संगम तट पर प्रयागराज में, ये है कुंभ कुंभ कुंभ.…
माँ मुझे पगडन्डी पे चलना सिखला दो, मुझे जीवन का मतलब बतला दो, कहती हो मेरे जिगर का टुकड़ा हो पापा की लाडली हो फिर…
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