हीरा
सिक्के इकट्ठा करके कोई धनवान नहीं होता। एक हीरा हीं काफी है जहाने अमीरी के लिए।।
सिक्के इकट्ठा करके कोई धनवान नहीं होता। एक हीरा हीं काफी है जहाने अमीरी के लिए।।
ऐ वक्त जरा रुक जा क्या लाँँकडाउन है सिर्फ हमारे लिए?
नजरें चाह रही दीदार-ए-माहताब का नाचीज़ को क्या पता अमावस भी होती है।
विलख रही धरती आसमान भी रो रहा। देख के अनाचार को भगवान भी सो रहा।।
कहाँ खो गई तेरी इन्सानियत ओ इन्सान कहलाने वाले। गन्दी हो गई क्योंकर नीयत ओ इन्सान कहलाने वाले।। हर सुख सुविधा भोजन पानी सुलभ तुम्हारे…
ये वाईरस कैरोना का बना महामारी भयंकर है। दिखे उपाय बचने का स्वच्छ और शुद्ध जो नर है।। रखो सब पे सहानुभूति पर रहना सबसे…
शोभे सरोवर राजहंस से बगिया शोभे कोयलिया से। ज्ञानी जन से सभा की शोभा दुनिया शोभे मधुर बोलिया से।।
कोई छंद नहीं पदबन्ध नहीं। तुकबंदी का है प्रबंध नहीं दिल के भाव को लिखता हूँ चाहे कवियों को हो पसन्द नहीं।।
चोट अपनों के फूलों ने जो दिल को दिया, गैर के पत्थरों में वो दम था कहाँ।
चांद बनकर चमकती रहो नित गगन में। देखकर हीं मेरा मन रहेगा मगन में।।
तीर नजरों से तूने जो घायल किया अब खंजर उठाने से क्या फयदा।
धूम मची है आज व्रज मेँ बरसाने मेंं थोड़ी। आजा मेरे मोहन प्यारे खेलन हमसे होरी ।।
आया रंग बिरंगी होली का त्योहार मेरे यारा। आज खुशियों के रंग रंगदार मेरे यारा।।
आया रंग बिरंगी होली का त्योहार मेरे यारा। आज खुशियों के रंग रंगदार मेरे यारा।।
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