हम तुम…

मेरी हर बात को तुम समझ लेना, मेरी इकरार की भाषा तुम जान लेना, मन में उमड़ती लहरों को तुम समेट लेना, मेरे अधरों की…

ख्वाब

ख्वाब मेरे बादल जैसे ख्वाहिशें मेरी अंबर सी लम्हा लम्हा यादें गरजे अखियां बही बारिश सी मुसलसल तेरी आस जगाए सावन का यह महीना तुम…

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